आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और कफ के कारण शरीर में कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती है। आयुर्वेद में इन बीमारियों को तीन भागों में विभाजित किया गया है। वात में सीनियर सिटीजन को रखा जाता है। जिन्हें पेट से जुड़ी समस्या है उन्हें वात है अर्थात यह गैस और गैस से जुड़ी बीमारियां होती है।
पित्त में युवाओं को रखा जाता है इसमें विशेष करके स्किन प्रॉब्लम, डायबिटीज जैसी बीमारियां होती हैं। कफ में बच्चों को रखा गया है जिन्हें कफ से जुड़ी बीमारियां होती है। आइए जानते हैं पित्त की वजह से शरीर में होने वाली बीमारियों के बारे में
आयुर्वेद के अनुसार हमारा स्वास्थ्य वात, कफ और पित्त पर निर्भर करता है। आज हम जानेंगे कि ऐसे कौन से रोग हैं जो इनकी श्रेणी में आते हैं
पित्त दोष के कारण होने वाली बीमारी –
सिर दर्द – आयुर्वेद के अनुसार किसी भी प्रकार का सिर में दर्द चाहे वह गर्मी की ही वजह से क्यों न हो, वह पित्त दोष की वजह से होता है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
गर्दन से जुड़ी बीमारी – स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार गर्दन से जुड़ी बीमारी में गर्दन में दर्द, जलन, खट्टी डकार किसी भी प्रकार का अल्सर पित्त दोष की वजह से होता है। इन स्थितियों में बीमारी का लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करें।
पीलिया – स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पित्त दोष की वजह से ही लिवर से जुड़ी बीमारी पीलिया होती है। यदि आपके शरीर में इस प्रकार की समस्या हो तो जल्द से जल्द अपना इलाज कराएं।
स्किन में दाने और चकत्ते या सफेद दाग होना – आयुर्वेद के अनुसार स्किन से जुड़ी बीमारियां जिसमें स्किन पर दाने होना, चकत्ते पड़ना या फिर सफेद दाग की समस्या होना, इस सब का कारण पित्र दोष है। शरीर में यदि इस प्रकार की बीमारी हो तो आयुर्वेद अचार से संपर्क करें।
मधुमेह और पेनक्रियाज से जुड़ी बीमारी – मधुमेह अर्थात डायबिटीज और पेनक्रियाज से जुड़ी बीमारी का प्रमुख कारण पित्त दोष होता है। डायबिटीज का प्रमुख कारण गुप्त रपित्त दोष है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को अपना इलाज कराना चाहिए। इसे नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही होता है।
नाभि के आसपास मरोड़ – स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यदि आपको पेट दर्द, उल्टी या फिर नाभि के आसपास मरोड़ जैसी समस्या है तो यह बीमारी पित्त दोष की श्रेणी में आती है। इसका इलाज जरूर करें।
पुरुषों में होने वाली स्वपनदोष की समस्या भी पित्त दोष की श्रेणी में आती है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति को डॉक्टरी सलाह जरूर जाना चाहिए।
महिलाओं से जुड़ी बीमारी – आयुर्वेद के अनुसार महिलाओं से जुड़ी बीमारी जिसमें पीरियड की अनियमितता, ल्यूकेमिया जैसी समस्या पित्त में गड़बड़ी की वजह से होता है। इस बीमारी से बचने और इसका इलाज करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
कैसे ठीक करें पित्त दोष?
आयुर्वेद के अनुसार आंवला खट्टा होने के बावजूद पित्त दोष की समस्या को खत्म कर सकता है। ज्यादा से ज्यादा आँवले का सेवन करके पित्त दोष की समस्या को दूर किया जा सकता है।
इसके लिए आंवले का मुरब्बा, अचार या फिर सूखा आंवला सेवन करें। इसके अलावा योगा भी इसमें काफी मददगार होता है। अनुलोम विलोम करना भी इसमें काफी फायदेमंद होता है।
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