कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लोगों में चिंताएं बढ़ गई है। डायबिटीज (शुगर) के मरीज इस बीमारी को लेकर सचेत हो गए हैं। ऐसा देखने को मिला है कि शुगर के मरीजों को कोरोना संक्रमण होने पर समस्या बढ़ने लगती है।
लेकिन इसी बीच एक अच्छी खबर आई है। कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीरता को कम करने के लिए शुगर और बीपी की दवा मददगार हो सकती है। शुगर और बीपी पर ध्यान रखकर कोरोना वायरस की गंभीरता से बचा जा सकता है।
बता दें कि शरीर के लिए शुगर लेवल और बीपी के अलावा hba1c की जांच कराई जाती है। वही वह बीपी की समस्या होने पर एआरबी (एंजियोटेंशिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स) दवा दी जाती है।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के क्लीनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट के प्रोफेसर प्रोफेसर लॉरेंस का कहना है कि डायबिटीज के मरीज यदि कोरोना संक्रमित हो तो और मरीजों की मेटफॉर्मिन दवा चल रही है तो उन्हें कोरोना के गंभीर संक्रमण देखने को नहीं मिलते है।
वहीं जिन लोगों के लिए बीपी की दवा एआरबी चल रही है उनमें भी कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता कम देखने को मिली है। प्रोफेसर लारेंस का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित आईसीयू में कई मरीज ऐसे थे जिन्होंने यह बताया कि मुझे शुगर कभी नहीं हुई लेकिन जब उनकी एचबीएवनसी जांच कराई जाए तो इसका स्तर 7 से अधिक पाया गया।
जिसका अर्थ यह हुआ कि पिछले 3 महीने से उनका शुगर अनियंत्रित रहा है। यह भी देखने को मिला है कि जिन का स्तर 10 या अधिक रहा है उन्हें भी कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण देखने को मिले हैं।
प्रोफेसर लारेंस के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद लोगों होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। इस दौरान ऑक्सीजन लेवल और ब्लड प्रेशर पर नजर रखना जरूरी है।
अक्सर देखा जाता है कि जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या कभी नही हुई रहती है, उनको भी कोरोना संक्रमण के दौरान उनको बीपी बढ़ जाता है।
कब और कैसे ले एआरबी
- डॉक्टर के अनुसार ब्लड में पोटेशियम का स्तर बढ़ा हुआ हो सकता है। इसलिए प्रोटीन सप्लीमेंट और पोटेशियम से भरपूर चीजों का अधिक सेवन करने से बचे।
- जिनके होंठ, जीभ और गर्दन में सूजन हो सांस लेने में तकलीफ हो रही, डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
- जिन लोगों को पहले कोई दूसरी समस्या नहीं है वही इन दवाओं का सेवन करे। लेकिन इनका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं या स्तनपान करने वाली महिलाओं को दवाओं के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
मेटफॉर्मिन क्या करती है?
मेटफार्मिन नामक दवा लीवर द्वारा उत्पादित ग्लूकोज की मात्रा को कम करने का काम करती है। शरीर मे इंसुलिन के प्रति यह संवेदनशीलता को बढ़ाती है जिससे शरीर ज्यादा मात्रा में ग्लूकोस को ऑब्जर्व करने लगता है।
ब्लड शुगर नियंत्रित नहीं रहता है तो इसका परिणाम किडनी फेल होना और मोटापा, डिसऑर्डर जैसी कई समस्याओं को जन्म देती है। इसलिए मेटफॉर्मिन दवा शुगर के लेवल को कम करने में मददगार है।
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