अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छा और पौष्टिक खाना बेहद जरूरी होता है। लेकिन बदली हुई जीवनशैली के कारण कई बार लोग खराब आदतें अपना लेते हैं और धीरे-धीरे खाने की खराब आदतों की वजह से खाने में पोषक तत्वों की मात्रा कम होने लगती है।
इसका असर धीरे-धीरे हमारे सेहत पर भी नजर आने लगता है। अगर आप एक अच्छा और स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं, तो आपका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है।
स्वस्थ रहने में खानपान का महत्वपूर्ण योगदान आइए जानते हैं उन पांच white food के बारे में जो सफेद जहर का काम करते हैं और आप को बीमार कर सकते हैं।
अक्सर देखा जाता है, लोग भूखे रहने पर जल्दी कुछ खाने के लिए फास्ट फूड, चाइनीस या फिर प्रोसैस्ड फूड का सेवन कर लेते हैं, जो कि सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है।
क्योंकि इनमें जरूरत से ज्यादा चीनी, नमक, मैदा मिला होता है। विशेष करके प्रोसैस्ड फूड में इन चीजों की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है। इनका ज्यादा सेवन करने से कई जानलेवा बीमारियां हो सकती है।
जैसे टाइफाइड, हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर आदि। ऐसाखानपान एक व्यक्ति की उम्र को औसतन 10 साल कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन पांच सफेद खाने को जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
चीनी :-
सफेद खाद्य (White food) पदार्थों में चीनी को भी शामिल किया जाता है। इसका अधिक सेवन सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। रिफाइंड शुगर अर्थात चीनी को एम्प्टी कैलोरी के तौर पर भी जानते हैं। प्रोसेस्ड फ़ूड में चीनी की क्वालिटी अच्छी नहीं होती और यह हमारे शरीर के अंदर पहुंचते ही ग्लूकोज और फ्रक्टोज में टूट जाती है।
जो लोग शारीरिक रूप से ज्यादा मेहनत नहीं करते हैं उनके लिए यह शरीर में फैट जमा करने की तरह काम करता है और वजन बढ़ने लगता है। जिसकी वजह से डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा लिवर से जुड़ी समस्या, इंसुलिन, रोग प्रतिरोधक क्षमता, दांत से जुड़ी परेशानी व कैंसर जैसी समस्याओं के लिए भी चीनी को जिम्मेदार माना जाता है।
सफेद चावल :-
ज्यादातर भारतीय घरों में चावल जरूर बनाया जाता है। कुछ लोग को चावल खाना इतना पसंद होता है कि वह काफी ज्यादा मात्रा में चावल खाते हैं। चावल खाने से पेट जल्दी भर जाता है और नतीजा यह होता है कि शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है।
चावल खाने से डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। जो चावल खाए बिना नहीं रह सकते उनको ब्राउन या रेड चावल का इस्तेमाल करना चाहिए।
मैदा :-
सफेद आटे से बने खाद्य पदार्थों में जिसमें व्हाइट ब्रेड, केक, बिस्कुट, पेस्ट्री जैसी चीजें शामिल है। यह गेहूं के आटे को रिफाइन करके बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में फाइबर, फॉलिक एसिड, विटामिन जैसे तत्व निकल जाते हैं। कुल मिलाकर गेहूं से मैदा बनाने की प्रक्रिया में उसमें मौजूद सभी पोषक तत्व निकल जाते हैं।
जिसकी वजह से मैदे के बने आहार ट्राइग्लिसराइड युक्त हो जाते हैं और अच्छे एचडीएल की कमी का सबसे बड़ा कारण बन जाते हैं। यही वजह है कि इनका सेवन गर्भावस्था में करने से डायबिटीज और अन्य दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
सफेद आलू :-
आलू हर किसी की पसंदीदा सब्जी होती है। लेकिन सफेद खाद्य पदार्थों में आलू वजन बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सफेद आलू में स्टार्च और कार्ब्स भरपूर मात्रा में होते हैं। यह एक सीमित मात्रा में सेवन किया जाए तो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
लेकिन अधिक इस्तेमाल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। आलू को जब डीप फ्राई किया जाता है या फिर मक्खन या क्रीम के साथ प्रयोग किया जाता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्थितियां पैदा कर देता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादातर तले हुए डीप फ्राई आलू कैंसर और डाइबिटीज जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ा देता है।
नमक :-
कोई भी व्यक्ति हो नमक को पूरी तरह से छोड़ने की सलाह नहीं देता है क्योंकि नमक को पूरी तरह से छोड़ना स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है। क्योंकि नमक से सोडियम व क्लोराइड दोनों की आपूर्ति होती है।
लेकिन जब इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है तो शरीर में मौजूद पानी पर असर होता है। इससे ब्लड वेसल्स डैमेज होने लगती है और शरीर में पानी खत्म होने का खतरा रहता है।
साथ ही अत्यधिक नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। अधिक नमक का सेवन हड्डियों को कमजोर करता है और पेट में अल्सर और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण भी हो सकता है। इसलिए रोजाना एक छोटे चम्मच से अधिक नमक का सेवन नही करना चाहिए।
नोट : इस लेख में बताए गए नुस्खे केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी नुस्खे का इस्तेमाल आप अपने रिस्क पर करें। इसके लिए किसी भी प्रकार से हमारी वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।
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