देशभर में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जा रही है लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन अभी भी लोग कोरोनावायरस जैसे जानलेवा इंफेक्शन की चपेट में आ रहे हैं। इन दिनों केरल में एक वायरस का मामला काफी ज्यादा बढ़ गया है।
वहां के लोग इन दिनों एक नए वायरस का सामना कर रहे हैं। केरल के वायनाड जिले में अभी तक नोरोनावायरस के 13 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 15 से ज्यादा लोगों में इसके लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
अभी हाल में ही केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि वायनाड आर्ट कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंस के 13 छात्र नोरोवायरस से पॉजिटिव पाए गए हैं। ज्यादातर छात्रों में लक्षण दिखाई दे रहे हैं। सभी मरीज महिला हॉस्टल में रहती हैं। इनमें उल्टी दस्त जैसे लक्षण देखने को मिले हैं।
घटना के मद्देनजर सरकारी अधिकारियों ने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है। लोगों को इस नए उभर रहे वायरस के बारे में जागरूक किया जा रहा है। आइए जानते हैं क्या होता है नोरोवायरस, इसके लक्षण कौन-कौन से हैं तथा इससे कैसे बचा जा सकता है?
क्या है नोरोवायरस ( What is noravirus in Hindi ) :-
नोरोवायरस वायरस एक वायरस जनित समस्या होता है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का कारण बनता है। ज्यादातर यहां संक्रमण दूषित पानी, दूषित भोजन के संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है।
यह वायरस सबसे ज्यादा सामान आम खानपान के तरीके से फैलता है। यह खाना और पानी से भी फैल रहा है। इस वायरस के बारे में कहा जा रहा है कि यह बहुत ज्यादा संक्रामक है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बेहद आसानी से फैलता है।
क्योंकि नोरोवायरस से संक्रमित एक व्यक्ति एक अरब नोरोवायरस के कण को फैलाने की क्षमता रखता है। ऐसे में यह बेहद तेजी से फैल जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एक व्यक्ति अपने जीवन काल में नोरोवायरस से कई बार संक्रमित हो सकता है। ज्यादातर यह संक्रमण नवंबर से अप्रैल के बीच अधिक फैलता है।
लक्षण ( Symptoms of noravirus in Hindi ) :-
नोरोवायरस का संक्रमण जैसे ही पेट में पहुंचता है पेट की आंत और परत में सूजन आने लगती है। बच्चों में विशेष करके दस्त, उल्टी, पेट दर्द, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी समस्याएं लक्षण के तौर पर उभर कर आती है।
कई बार संक्रमण के लक्षण के तौर पर बुखार, सिर दर्द और पूरे शरीर में दर्द की समस्या भी देखने को मिलती है। यह वायरस लगभग सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है।
पर विशेष करके इस संक्रमण से बच्चे और बुजुर्ग लोग संक्रमित होते हैं जो अन्य बीमारियों से पहले से ही ग्रस्त हो।कई बार इनमें गंभीर लक्षण भी देखने को मिल जाते है। सामान्य तौर पर एक बार कोई व्यक्ति इस संक्रमण के संकर संपर्क में आता है तो 12 से 48 घंटे के अंदर उसमें लक्षण दिखाई देने लगते हैं। अगर समय से इलाज हो जाता है तो 2 से 3 दिन में मरीज ठीक हो जाता है।
इलाज ( Treatment of noravirus in Hindi ) :-
नोरोवायरस अभी तक जानलेवा साबित नहीं हुआ है। लेकिन इसके लिए फिलहाल कोई दवा भी उपलब्ध नहीं है। ज्यादातर इस संक्रमण का इलाज दस्त और उल्टी की सामान्य दवाओं से ही किया जा रहा है।
इस वायरस से संक्रमित मरीजों को खूब सारा पानी पीने और तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह डॉक्टर देते हैं। क्योंकि उल्टी और दस्त होने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती हैं।
बचाव के तरीके ( Protective measures from noravirus ) :-
नोरोवायरस से बचाव के लिए कई चीजें की जा सकती है विशेष करके जो लोग रोजाना जानवरों के संपर्क में आते हैं उन्हें विशेष साफ सफाई का ध्यान देना चाहिए। इस वायरस से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करें –
- साबुन और गुनगुने पानी से अपने हाथ और पैर को अच्छी तरह से साफ करें।
- खाने से पहले और टॉयलेट के इस्तेमाल के बाद अपने हाथ और पैर को जरूर साफ करें।
- अगर किसी भी तरह से इस बीमारी का लक्षण दिखता है तो घर पर रहे कहीं भी आने-जाने से बचें।
- अल्कोहल से नोरोवायरस नहीं मरता है ऐसे में सेनीटाइजर का इस्तेमाल प्रभावी नही होगा।
- ब्लीच से बनने वाले क्लीनर का इस्तेमाल करके घर को साफ करें।
- अगर बीमारी महसूस हो तो 48 घंटे तक खाना बनाने से परहेज करें।
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