स्वस्थ जीवन जीने के लिए पर्याप्त नींद भी जरूरी है। सामान्यतः लोगों को रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद लेने की जरूरत होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अधिक सोना है या फिर कम सोना दोनों ही स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है।
जो लोग सामान्य से कम या अधिक घंटे सोते हैं तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। उनके स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक सोना या फिर कम सोना दोनों ही स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होता है।
नींद पूरी तरह से जीवन शैली या फिर स्वास्थ्य की स्थिति के कारण ही नहीं है। इसके संबंध में वैज्ञानिकों ने अभी हाल में ही जैविक प्रणाली से जोड़ा है। मैसाचुएट्स जनरल हॉस्पिटल के वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है।
इस शोध में पाया गया है कि कुछ लोगों को अन्य लोगों की तुलना में अधिक नींद लेने की जरूरत होती है। वैज्ञानिकों ने अपने इस शोध को करने के लिए 452633 लोगों के अनुवांशिक आंकड़ों का विश्लेषण किया है।
इस शोध में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से वैज्ञानिकों ने पूछा कि वह दिन में कितने देर होते हैं। वैज्ञानिकों को सोने से जुड़े संभावित जैविक करको के बारे में पता लगाया। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से
नींद की जरूरत क्यों होती है?
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि तीन स्लीपिंग मैनुअल पाया जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि दिन में नींद लेने वको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। वैज्ञानिकों ने दिन में झपकी लेने के कारणों के बारे में जानने की कोशिश की।
इसके लिए उन्होंने प्रतिभागियों के जैविक कारणों को भी समझने की कोशिश की है। शोध के सटीक परिणाम पर पहुंचने के लिए सभी प्रतिभागियों के लिए डाटा को रिकॉर्ड किया गया। साथ ही उसे मॉनिटर किया गया। इसके आधार पर वैज्ञानिकों ने तीन स्लीपिंग मैकेनिज्म के बारे में जानकारी पाई।
पहले स्लीपिंग मैकेनिज्म में में वैज्ञानिकों को पता चला कि जिन लोगों को नींद में कमी हो जाती है। यह जल्दी जागने की वजह से है। ऐसे में उन्हें दिन में झपकी लेने की आदत होती है। जबकि दूसरे लोगों में बिना किसी कारण से अधिक नींद लेने की आवश्यकता पाई गई।
दोनों समूहों के लोगों के बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि काफी हद तक दिन में झपकी लेना पर्यावरण या फिर व्यवहार संबंधी कारणों की वजह से जैविक कारणों पर भी काफी हद तक निर्भर करता है।
शोध के सह लेखक एवं हावर्ड मेडिकल स्कूल के छात्र का कहना है कि नींद संबंधी इस तरह की समस्या में नींद से जुड़ी दुर्लभ बीमारी नारकोलेप्सी भी संबंधित है। शोधकर्ता छोटी-छोटी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बीच संबंध देखने की कोशिश कर रहे हैं।
यदि आपको भी दिन में नींद लेने की जरूरत पड़ती है तो इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि यदि आप रात में अपनी नींद पूरी नहीं ले पा रहे हैं तो कई बार दिन में छोटी सी झपकी लेने से आप खुद को तरोताजा महसूस करते हैं।
वही स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के चलते हैं या फिर डिप्रेशन से जूझ रहे लोग भी अक्सर दिन में सोते हुए देखे जाते हैं। ऐसे लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत होना चाहिए।
Note : हमारे इस लेख में बताई गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। यह किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। किसी भी प्रकार की कोई समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
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