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50 के बाद स्वस्थ रहना चाहते हैं तो अपनी डाइट में शामिल करें ये 4 विटामिन

4 Vitamins for over 50 in Hindi
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50 की उम्र के बाद महिलाओं में कमजोरी आने लगती है। ऐसे में महिलाएं अपनी बढ़ती उम्र को कम दिखाने की पूरी कोशिश करती हैं। वहीं महिलाएं तमाम उपाय करने के बाद भी अपनी उम्र छुपाने में नाकाम रहती हैं।

जैसे ही आप 50 वर्ष के हो जाते हैं, आप अपने आहार में कुछ आवश्यक विटामिनों को शामिल करके बढ़ती उम्र के प्रभावों को आसानी से छुपा सकते हैं। 50 से अधिक उम्र की महिलाओं में विटामिन की कमी काफी आम है।

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ऐसे में विटामिन से भरपूर आहार से परहेज करने से न केवल महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर महसूस करती हैं, बल्कि आप उम्रदराज भी दिखने लगती हैं। हम आपके लिए 5 आवश्यक विटामिन सप्लीमेंट्स के नाम लेकर आए हैं जिनका सेवन आप 50 की उम्र के बाद खुद को जवान बनाए रखने के लिए कर सकते हैं।

विटामिन बी 12


विटामिन बी12 एनर्जी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। यह शरीर में रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, जो हमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाते हैं। इसके अलावा, विटामिन बी 12 सामान्य शारीरिक विकास और कमजोरी से लड़ने में भी मदद करता है।

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लेकिन बढ़ती उम्र के साथ शरीर में विटामिन बी12 की कमी नजर आने लगती है। विटामिन बी 12 की कमी से अनेक समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें थकान, खून की कमी, एनीमिया, दिमागी कमजोरी और शरीर में अन्य समस्याएं शामिल हैं।

ऐसे में आप अपनी डाइट में दूध, डेयरी प्रोडक्ट्स, एनिमल प्रोडक्ट्स, चिकन, फिश, अंडा, मीट और यीस्ट जैसी चीजों को शामिल कर विटामिन बी12 की कमी को पूरा कर सकते हैं।

कैल्शियम


कैल्शियम एक महत्वपूर्ण खनिज है जो हड्डियों, दांतों, नसों, मांसपेशियों, न्यूरोन्स, और अन्य अंगों के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। इसके साथ ही, कैल्शियम सामान्य मासिक धर्म, दिल के स्वस्थ रखने, और मांगलिक नसों के विकास में भी मदद करता है।

कैल्शियम की कमी से हड्डियों की कमजोरी, दांतों का कमजोर होना, शरीर में अस्थिमज्जा का दूषित होना और दिल की समस्याएं हो सकती हैं।

ऐसे में आप कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए सूखे मेवे, बीज, डेयरी उत्पाद, मछली, बीन्स, फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां, सोयाबीन और टोफू का सेवन कर सकते हैं।

विटामिन डी


50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए भी विटामिन डी का सेवन जरूरी है। विटामिन डी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के अलावा अवसाद, चिंता और थकान को दूर रखने में सहायक होता है। विटामिन डी एक महत्वपूर्ण विटामिन है जो हड्डियों और दांतों के विकास और रखरखाव में मदद करता है। इसके साथ ही, विटामिन डी शरीर को कैंसर, डायबिटीज, दिल की बीमारी और अन्य रोगों से लड़ने की क्षमता भी देता है।

विटामिन डी की कमी शरीर में कैल्शियम के स्तर को कम कर सकती है, जिससे हड्डियों और दांतों की कमजोरी हो सकती है। इसके साथ ही, विटामिन डी की कमी से रक्तचाप बढ़ सकता है, मन और शरीर को थकान महसूस हो सकती है और संक्रमण के खतरे बढ़ सकते हैं।

वहीं दूसरी ओर डेयरी उत्पाद, अंडे और मछली विटामिन डी के बेहतर स्रोत माने जाते हैं। इसके अलावा शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप कुछ देर धूप में भी बैठ सकते हैं।

विटामिन बी 6


यह विटामिन खून बनाने में मदद करता है और एक स्वस्थ तंत्रिका तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विटामिन प्रोटीन के मेटाबोलिज्म में भी मदद करता है।

विटामिन बी 6 की कमी का पता चलना काफी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण अन्य समस्याओं के लक्षणों से मिलते-जुलते होते हैं। लेकिन कुछ लक्षण हैं जो विटामिन बी 6 की कमी को दर्शाते हैं, जैसे कि त्वचा के सूखना, नींद की कमी, मूड में बदलाव आदि ।

50 की उम्र के बाद शरीर में विटामिन बी6 की कमी हो जाती है। ऐसे में फिट और स्वस्थ रहने के लिए विटामिन बी6 से भरपूर आहार का सेवन करना जरूरी हो जाता है। वहीं गाजर, पालक, केला, दूध, चिकन और कलौंजी विटामिन बी6 के सबसे अच्छे स्रोत माने जाते हैं।

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