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Covid-19 में आयुर्वेद सुरक्षा कवच की तरह है, यह चिकित्सा पद्धति नही जीवन पद्धति है

कोरोना काल में आयुर्वेद सुरक्षा कवच
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कोरोना महामारी के दौर में लोग आयुर्वेद की तरफ जाने लगे है। लोग एलोपैथी के साथ साथ अब भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की तरफ झुक रहे हैं क्योंकि भारतीय चिकित्सा पद्धति में हमेशा से आयुर्वेद का इस्तेमाल होता रहा है।

कोरोना महामारी के दौर में इस संक्रामक बीमारी से बचने के लिए तथा संक्रमण होने पर ठीक होने में आयुर्वेद की पद्धतियां काफी लाभदायक साबित हुई है। भारत सरकार ने भी लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को अपनाने की अपील की है।

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ज्यादातर लोगों को संक्रमण और उस वजह से जो समस्याएं हो रही। ऐसे में लोगों को घर पर भी आयुर्वेदिक काढ़ा और औषधियों के सेवन की सलाह दी जा रही है।

एक शोध में पाया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति अगर आयुर्वेदिक दवा और काढे को नियमित रूप से सेवन करते हैं तो एक हफ्ते के अंदर उनके स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलने लगता है, साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

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कोरोना वायरस महामारी के दौर में कोरोना वायरस से बचने के लिए आयुर्वेद सुरक्षा कवच की तरह है। बस जरूरत है इस बात की है कि लोग सही तरीके से इस पद्धति का इस्तेमाल करें।

आयुर्वेदाचार्य डॉ सुबोध चतुर्वेदी का कहना है कि हमारे आसपास इतनी ज्यादा आयुर्वेदिक औषधियां है कि वह किसी भी बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ने में सक्षम है। आयुर्वेद आज के समय में मात्र चिकित्सा प्रणाली नही रह गई है बल्कि एक जीवन पद्धति है।

इस महामारी के दौर में संक्रमित लोगों में सबसे ज्यादा सांस से जुड़ी समस्या देखने को मिल रही है। घर में उपलब्ध सामग्री और आयुर्वेदिक दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करने से इस बीमारी को आसानी से ठीक किया जा सकता है।

जैसे दूध में हल्दी डालकर पीने से काफी लाभ होता है, भोजन में आर्क के चूर्ण का प्रयोग करना भी बहुत फायदेमंद होता है। घर में गुगुल, कपूर, लौंग, चंदन का चूर्ण जलाना भी काफी फायदेमंद होता है।

किशमिश का काढ़ा बनाकर इसका सेवा करना भी काफी फायदा होता है। भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया, लहसुन, प्याज का सेवन काफी फायदेमंद है।

दूध के साथ इन चीजों को ले –

  • दूध के साथ 10 ग्राम चवनप्राश सुबह के समय ले
  • डायबिटीज के रोगी शुगर फ्री चवनप्राश लें
  • काढ़े में अदरक और हल्दी के चूर्ण का सेवन करें
  • एक गिलास दूध के साथ अभ्रक, भस्म का सेवन करें
  • 1 ग्राम मुलेठी के चुनाव को गर्म दूध में डालकर पिये।

कैसे बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

आयुर्वेद के अनुसार रोग रोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित चीजों का सेवन कर सकते हैं जैसे –

  • काढ़े का नियमित रूप से सेवन करें
  • अश्वगंधा, सतावर, कालमेघ में हल्दी का इस्तेमाल करें
  • हर्बल चाय
  • तुलसी, दालचीनी कालीमिर्च नींबू का रस प्रयोग करे
  • नाक में सरसों के तेल की बूंदे डाले
  • आंवले का नियमित रूप से प्रयोग करें

अंडा, मांस, मछली, लस्सी, पनीर, प्याज, मशरूम, उड़द दाल, चना शकरकंद आदि के सेवन से कब्ज बनने की समस्या देखी जाती है। इसलिए इस महामारी के दौर में इन चीजों के सेवन से परहेज करे।

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