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खाली पेट प्राणायाम करने की सलाह क्यों देते हैं आइए जानते हैं ध्यान मुद्रा के नियम के बारे में

खाली पेट प्राणायाम करने की सलाह क्यों देते हैं आइए जानते हैं ध्यान मुद्रा के नियम के बारे में
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मन को जिसे लोग चित भी कहते हैं। इसे शांत करने के लिए मेडिटेशन अर्थात ध्यान मुद्रा को सबसे फायदेमंद योगासन कहा जाता है। ध्यान मुद्रा प्राणायाम का ही एक हिस्सा होता है।

प्राणायाम दो शब्दों से मिलकर बना है। यह संस्कृत भाषा के दो शब्द प्राण और नियम से मिलकर बना है। अर्थात जीवन के ऊर्जा पर नियंत्रण प्राप्त करने को प्राणायाम कहा जाता है।

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भारतीय संस्कृति में प्राणायाम का विशेष महत्व रहा है। सांस पर केंद्रित होने वाले इस अ योगाभ्यास को बहुत ही फायदेमंद जाता है। यह मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान कहा जाता है।

योग गुरुओं के अनुसार अन्य किसी योगासन की तुलना में व्यायाम में यह बहुत लाभकारी होता है। प्राणायाम के भी अपने कुछ नियम है। जिन्हें अपनाने से इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए प्राणायाम करने के लिए उसके नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है।

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प्राणायाम आसन को लेकर लोगों के मन में बहुत सारे सवाल भी रहते हैं ऐसे ही एक सवाल जो लोगों के मन में रहता है वह यह है कि “क्या प्राणायाम को हमेशा सुबह के समय खाली पेट ही करना चाहिए”। इन आसनों को खाली पेट करने से क्या फायदा होता है? आइए जानते हैं विस्तार से –

खाली पेट प्राणायाम करने के फायदे :-

योग गुरु के अनुसार प्राणायाम मन को स्थिर करने वाला एक विशेष योगासन है। इस योगासन को करने के लिए इसके नियमों का पालन करना बेहद जरूरी माना गया है।

प्राणायाम करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होने लगता है। इस योगा के अधिकतम लाभ के लिए इसके नियमों का पालन करना जरूरी है। जिससे इस ऊर्जा को अपने साथ बना सके।

यह योगासन सांस पर केंद्रित करना महत्वपूर्ण माना जाता है। जब आप भरे पेट कोई भी व्यायाम करते हैं तो कुछ समय बाद एकाग्र हो पाना या फिर स्थिर रहना काफी मुश्किल हो जाता है।

पेट भरा रहने पर प्राणायाम करने से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा मन को शांत करने और शरीर को बेहतर महसूस करवाने के बजाय भोजन को पचाने में ही खर्च होने लगती है। यही वजह है कि योग गुरु प्राणायाम आसन को करने के लिए खाली पेट इसे योग का अभ्यास करने की सलाह देते हैं।

प्राणायाम करने का समय :-

योगगुरु के अनुसार यदि आप प्राणायाम से अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए एक समय जरूर निश्चित कर ले। प्राणायाम करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है।

प्राणायाम योगासन करने से पहले आप अपनी दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर ऐसे योगासन को कर सकते हैं। अगर आप सुबह इस योगासन को नहीं कर सकते हैं तो खाना खाने से 3 से 4 घंटे पहले इस या फिर बाद में यह योगासन कर सकते हैं।

लेकिन सुबह के समय प्राणायाम करने को सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि सुबह के समय ध्यान लगाना अन्य समय की तुलना में ज्यादा आसान होता है।

प्राणायाम योगासन करने के नियम :-

प्राणायाम योगासन करने से मन को शांति मिलती है तथा एकाग्रता को बढ़ाने में मदद मिलती है। हालांकि इसके और भी लाभ होते हैं। लेकिन उन सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए इसके नियमों को सही ढंग से मानना बेहद जरूरी है। जो इस प्रकार से हैं –

  • स्वच्छ और शांत जगह पर ठीक से बैठ जाएं।
  • अपने मन को शांत रखें और सही मुद्रा में बैठे
  • विभिन्न प्रकार के प्राणायाम करने के बाद यह देख ले कि आपके लिए सबसे अच्छा प्राणायाम कौन सा है।
  • प्राणायाम केवल सांस लेना और सांस छोड़ना नहीं है बल्कि इसे योगाभ्यास को करते समय सांस पर नियंत्रण करने की भी कोशिश की जाती है।
  • इस योगाभ्यास के दौरान ओम मन्त्र का जाप भी किया जा सकता है। इससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
  • ध्यान रखें प्राणायाम करने में जल्दबाजी कभी न करें बल्कि शांत रहें और पूरा समय देकर इस योगासन को करें।

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