क्या आप जानते हैं कि सहजन या सहजन गाजर, केला, संतरा, पालक और दूध से ज्यादा फायदेमंद होता है?
इसमें केले से चार गुना ज्यादा पोटैशियम, दूध से चौदह गुना ज्यादा कैल्शियम, संतरे से सात गुना ज्यादा विटामिन सी, गाजर से दोगुना विटामिन ए और पालक से नौ गुना ज्यादा प्रोटीन होता है। इस कारण मध्य प्रदेश में बच्चों को दोपहर के भोजन में इसे अनिवार्य रूप से परोसा जाता है।
सहजन के पेड़ की छाल से लेकर इसके पत्ते, इसकी फली तक सभी कई औषधीय गुणों से भरपूर हैं। यह बच्चों के लिए बहुत ही पौष्टिक होता है और कुपोषण के साथ-साथ बैक्टीरियल, वायरल और फंगल इन्फेक्शन को भी खत्म करने में मदद करता है।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए सहजन के पत्तों का सेवन किया जा सकता है। इनमें मधुमेहरोधी गुण होते हैं। इसके पत्ते उच्च रक्तचाप के लिए भी रामबाण हैं।
इनमें पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसकी पत्तियों में फाइबर होता है जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है।
सहजन में एंटिफंगल, एंटीडिप्रेसेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल गुण होते हैं। यह एक सुपरफूड है और पुरुष प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी बहुत फायदेमंद है।
विशेषज्ञों के अनुसार सहजन में कामोत्तेजक गुण होते हैं जो यौन शक्ति को भी बढ़ाते हैं और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर और शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में सहायक होते हैं।
इसके अलावा सहजन के बीज का तेल सौंदर्य उपचार के लिए बहुत उपयोगी होता है। चेहरे पर लगाने से झुर्रियां और महीन रेखाएं दूर होती हैं। इसमें विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
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