पिछले एक दशक की जीवन शैली और आहार की गड़बड़ी की वजह से लोगों में बीमारियां तेजी से बढ़ी है। इसमें हृदय रोग एक ऐसी बीमारी है जिससे ज्यादातर लोग पीड़ित हुए हैं। आज के समय मे लोगो के गंभीर मसलों में से एक हृदय रोग है।
उन्हें हार्ट अटैक आने का जोखिम बढ़ जाता है। आमतौर पर हृदय रोग को उम्र बढ़ने के साथ बढ़ने होने वाली बीमारी के तौर पर समझा जाता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में देखा जाए तो कम उम्र के लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह सही ढंग से नहीं हो पाता है और यह बाधित होता है। यह रुकावट आमतौर पर रक्त वाहिकाओं में वसा, कोलेस्ट्रॉल, तथा अन्य पदार्थों के निर्माण की वजह से होता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रोजाना जाने अनजाने में हम कुछ ऐसी चीजें करते हैं जिसकी वजह से हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है।
जिससे वह बचाव कर सकें। इन आदतों को सुधार करके हार्टअटैक के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कौन सी आदते है जो हार्ट अटैक के खतरे के जोखिम को बढ़ाने का काम करती हैं, जिनसे दूर रहने की जरूरत है।
1. वजन पर नियंत्रण न होना –
आज के समय में ज्यादातर लोग बढ़ते वजन और मोटापे की समस्या से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हार्ट अटैक के जोखिम कारकों में से मोटापा एक महत्वपूर्ण कारक है।
मोटापे की वजह से हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ट्राइग्लिसराइड्स, डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह सभी स्थितियां हार्टअटैक के जोखिम को बढ़ाने का काम करती है।
यदि शरीर के वजन को 10 प्रतिशत तक कम कर लिया जाए तो हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है। हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने के लिए वजन पर नियंत्रण होना बेहद आवश्यक है।
2. शारीरिक निष्क्रियता –
आज कल लोग आराम तलब जिंदगी जीना पसंद करते हैं। जिसकी वजह से आज के समय में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। लोगों की शारीरिक निष्क्रियता हार्ट से जुड़े रोगों के जोखिम को बढ़ाने का काम कर रही है।
शरीर के निष्क्रिय होने से धमनियों में वसायुक्त पदार्थ बनने लगते हैं।।जिसकी वजह से हृदय में रक्त प्रवाहित करने वाली धमनियां या तो छतिग्रस्त हो जाती हैं या फिर ब्लॉक हो जाती हैं।
जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ने की संभावना रहती है। इसीलिए लोगों को रोजाना व्यायाम करने की सलाह स्वास्थ्य विशेषज्ञ देते हैं। जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तथा शारीरिक रूप से सक्रिय रहते है उन लोगों में हार्ट अटैक तथा हृदय रोग का जोखिम 40% तक कम हो जाता है।
3. धूम्रपान एवं तनाव का प्रभाव –
कोई शोध से यह साबित हो चुका है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है। साथ ही जो लोग तनाव लेते हैं उनमें भी हार्ट अटैक का खतरा अन्य लोगों की तुलना में अधिक पाया जाता है।
ऐसे में लोगों को धूम्रपान और अत्यधिक तनाव लेने से बचना चाहिए। धूम्रपान करने की वजह से धमनियों में क्लॉक बनना शुरू हो जाता है, जिसकी वजह से धमनियां धीरे-धीरे संकुचित होने लगती है।
तब उन में रक्त प्रवाह सही ढंग से नहीं हो पाता है। जब हृदय में सही ढंग से रक्त प्रवाह नहीं होता है तो दिल का दौरा पड़ने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसी वजह से स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को तनाव से बचने की सलाह देते हैं।
क्योंकि अधिक तनाव लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और हार्ट अटैक आने का जोखिम बना रहता है। यही वजह है कि धूम्रपान और तनाव को हृदय रोग का एक प्रमुख कारण भी माना जाता है।
नोट : इस लेख में बताई गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से बताई गई है। यह किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य समस्या होने पर अपने चिकित्सक से संपर्क करें। यहां पर किसी भी बीमारी का इलाज नहीं बताया गया है।
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