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दौड़ना क्या सच में घुटनों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है?

Running Scaled
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बहुत सारे लोगों में यह सवाल होता है कि क्या दौड़ना उनके घुटनों के लिए फायदेमंद होता है या नहीं ? क्योंकि बहुत सारे लोग दौड़ने से डरते हैं।

उन्हें डर होता है कि दौड़ने से उनके घुटने की हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है। यदि आप भी दौड़ने से डरते हैं तो यह खबर आपके लिए चौंकाने वाली हो सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि टहलना और दौड़ना दोनों को घुटनों पर अलग-अलग प्रभाव पता है।

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इसके लिए शोधकर्ताओं ने गतिशील फोटोग्राफ और जटिल कंप्यूटर मॉडल का इस्तेमाल करते हुए यह बात साबित करने की कोशिश की है कि दौड़ना घुटनों के लिए टहलने से भी ज्यादा अच्छा होता है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि दौड़ने से घुटने की हड्डियां मजबूत होती है और उसमें लचीलापन बढ़ता है।

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शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस शोध से इस बात को अधिक बल मिलता है कि घुटनों को क्षति पहुंचाए बिना दौड़ने से घुटने को हड्डियों को मजबूत किया जा सकता है और इससे घुटनों में उठ रहे दर्द को भी कम करने में मदद मिल सकती है।

टहलने की तुलना में दौड़ना होता है फायदेमंद :-

आमतौर पर बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के मन में यह धारणा फैली हुई है कि दौड़ने से घुटनों को नुकसान पहुंचता है।

कई लोग तो यह भी मानते हैं कि दौड़ने से कुछ लोगों में घुटनों का दर्द बढ़ सकता है, हाँ ये सच है कि कुछ लोगो को दौड़ने से दर्द हो सकता है।

लेकिन ऐसा सभी के साथ नहीं होता है। कुछ ही लोगों में दौड़ने से घुटनों का दर्द बढ़ता है। हर दौड़ने वाला शख्स दौड़ने से घुटनों को पहुंचने वाले नुकसान और फायदे से परिचित होता है।

Running Knee

दरअसल दौड़ने से पैरों की हड्डियों मे झुकाव होता हैं, जिसकी वजह से कड़ी और लचीली हड्डियों में खून की आपूर्ति सही ढंग से नहीं हो पाती है ।

और यही वजह है कि जो लोग मानते हैं कि हड्डियों के क्षतिग्रस्त होने से बचपन के बाद उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों के खुद से ठीक होने की क्षमता घट जाती है।

लेकिन वास्तविक जिंदगी में देखा जाए तो यह धारणा सभी पर काम नही करती है और गलत साबित हो जाती है।

दौड़ने के चौकानेवाले परिणाम :-

एक शोध के अनुसार दौड़ने वाले लोगों में गठिया के लक्षण अन्य लोगों की तुलना में कम पाए जाते हैं। वही इसके पहले के शोधकर्ताओं ने इस बात पर विचार किया था कि क्या रनिंग मशीन का इस्तेमाल का कोई फायदा होता है।

दरअसल उन्होंने इसके लिए वालंटियर से टैक पर टहलने और दौड़ने के लिए कहा। शोधकर्ताओं का मकसद था कि हर कदम के साथ उत्पन्न होने वाले बल को मापा जाए।

उसके बाद शोधकर्ताओं ने आंकड़े के हिसाब से जब उसका विश्लेषण किया तब उन्होंने देखा कि लोगों दौड़ने के समय ज्यादा तेजी से जमीन पर प्रेशर मार रहे हैं।

शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया कि वॉलिंटियर्स ने ऊपरी छलांग के बीच ज्यादा समय लगाया जिसका मतलब यह हुआ कि दौड़ते समय एक छोटी सी दूरी को तय करने में उन्होंने कम छलांग लगाई है।

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शोधकर्ताओं ने दौड़ने और चलने के लिए इस अपने शोध में स्वस्थ युवा पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया और उन पर परीक्षण किये।

शोधकर्ताओं ने इस दौरान दौड़ने और टहलने वाले लोगों की एक फिल्म भी बनाई। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन से दौड़ने से पैरों पर पड़ने वाले जोड़ का हिसाब लगाया।

तब उन्होंने पाया की स्वस्थ युवाओं के जोड़ो की हड्डियां प्रतिदिन 6 किलोमीटर वॉक करने और दौड़ने का उनके घुटने पर क्या असर हो रहा है।

तब उन्होंने देखा कि दौड़ना घुटनों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। इससे घुटनों की मूवमेंट बढ़ती है और पैर दर्द की समस्या से निजात मिलता है साथ ही ऐसे लोगों में गठिया रोग होने की संभावना भी घट जाती है।

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