आज की भागदौड़ मेरी जिंदगी में ज्यादातर लोग चिंतित और व्यस्त रहने लगे हैं। इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। माइग्रेन ऐसे ही स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है जिसमें लोगों के सिर में लगातार दर्द होता लगता है।
कई बार दर्द होने कक करण कुछ अन्य वजह भी हो सकती है। लेकिन कई बार यह सिर दर्द माइग्रेन के कारण भी हो सकता है। आजकल अधकपारी (माइग्रेन) की समस्या लोगों में बढ़ गई है।
दरअसल शुरुआत में लोगों के सिर में सामान्य दर्द ही होता है और लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन सही समय पर सही इलाज न कराने के कारण सिर में होने वाला सर दर्द माइग्रेन का रूप ले लेता है। माइग्रेन एक ऐसी समस्या है जिसका एलोपैथी में अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं है।
लगातार होने वाले सिर दर्द में दवा खाकर इससे कुछ समय के लिए राहत मिलती है। लेकिन इसकी वजह से कई अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। आयुर्वेद में माइग्रेन के उपचार के लिए कुछ कारागार उपाय है।
यह उपाय बिना साइड इफेक्ट वाले होते हैं। आयुर्वेद माइग्रेन का मुख्य कारण खान-पान और जीवनशैली को मानता है। क्योंकि खानपान की गड़बड़ी की वजह से ही शरीर के अंदर वात, पित्त और कफ दोष प्रभावित हो जाते हैं और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होती है।
माइग्रेन के सर दर्द के लक्षण ( Symptoms of migraine headaches in Hindi ) :-
सिर दर्द से जुड़ी समस्या ज्यादातर लोगों को होती है। लेकिन यदि यह समस्या नियमित रूप से बनी रहती है तो यह परेशानी का कारण बन जाती है। आइए जानते हैं कैसे पहचाने साधारण सिर दर्द और माइग्रेन के दर्द में अंतर
- दृष्टि से संबंधित परेशानी होना
- चमकीली रोशनी दिखाई पड़ना
- आंख के सामने काले धब्बे जैसा दिखाई देना
- त्वचा में कुछ चुभन जैसा महसूस होना
शारीरिक रूप से कमजोर होने के अलावा आंखों के नीचे डार्क सर्कल, जल्दी गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन, आधे सिर में तेज दर्द जैसे लक्षण माइग्रेन के लक्षण हो सकते हैं।
माइग्रेन के कारण ( Causes of migraine in Hindi ) :–
माइग्रेन की समस्या से पीड़ित लोगों में लगातार सिर में दर्द बना रहता है। माइग्रेन के कई कारण हो सकते हैं, जिनकी वजह से यह समस्या जन्म लेती है। जैसे
- अनुवांशिक कारण
- तेज शोर-शराबे वाली जगह में रहना
- हार्मोन परिवर्तन
- शरीर में पानी की कमी
- मौसम में परिवर्तन होना
- विटामिन की कमी होना
- अंग्रेजी दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना
- शराब का अत्यधिक सेवन करना
- मासिक धर्म (पीरियड), रजोनिवृत्ति
- धूम्रपान करना
- अधिक मीठे पदार्थों का सेवन
- नींद का अनियमित होना
माइग्रेन का आयुर्वेदिक उपचार ( Ayurvedic treatment of migraine ) :-
आयुर्वेद में माइग्रेन को खानपान से जुड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में जाने जाते हैं। जिसमें चेहरे और दिमाग की रक्त कोशिकाओं में खराबी को इस समस्या का कारण माना जाता है।
आयुर्वेद में इसका सटीक इलाज बताया गया है। कुछ ऐसी आयुर्वेदिक औषधियां है जिनका नियमित रूप से सेवन करने से माइग्रेन की समस्या से जल्द ही निजात मिल जाता है।
आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा को माइग्रेन का एक बेहतर इलाज माना गया है। माइग्रेन में दिमाग के कुछ नस ब्लॉक हो जाते हैं जिसकी वजह से सिर में लगातार दर्द बना रहता है। माइग्रेन के सिर दर्द से निजात पाने के लिए आयुर्वेद के शिरोधारा पद्धति एक बेहतरीन उपचार का तरीका है।
शिरोधारा पद्धत से माइग्रेन का इलाज :-
शिरोधारा एक ऐसे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है जिसमें माइग्रेन से पीड़ित रोगियों का सटीक इलाज किया जाता है। इसमे धर्म पंचकर्म पद्धति में खास जड़ी बूटियों के तेल का एक विशेष काढा बनाया जाता है।
यह औषधि तेल युक्त काढ़ा होता है। इसे माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति के सिर के ऊपर लगातार एक धारा के रूप में डाला जाता है। शिरोधारा की पद्धति लगभग 30 से 40 मिनट की होती है।
इस चिकित्सा के बाद मरीज के सिर दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है। शिरोधारा थेरेपी नियमित रूप से 30 से 40 दिन तक माइग्रेन के मरीजों के ऊपर किया जाता है।
इस शिरोधारा के उपचार से स्ट्रोक मस्तिष्क से जुड़े तंत्रिका तंत्र की खराबी, ब्लड सर्कुलेशन की समस्या, नाक से खून आने की समस्या, चिंता, तनाव आदि समस्याओं में प्रयोग किया जाता है।
माइग्रेन के सिर दर्द को दूर करने के लिए शिरोधारा चिकित्सा शुरू करने से पहले शरीर की शुद्धिकरण, वमन, विरेचन, नास्यम, बस्ती एवं रक्तमोक्षण के साथ शुरू किया जाता है। इसके साथ-साथ माइग्रेन के मरीजों को अन्य आवश्यक आयुर्वेदिक दवाइयां दी जाती है जिससे दर्द में आराम मिलता है।
क्या है शिरोधारा पद्धति –
शिरोधारा एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है। यह माइग्रेन की समस्या का एक अचूक विकल्प माना जाता है। आयुर्वेद में माइग्रेन के इलाज के लिए शिरोधारा पद्धति एक आसान चिकित्सा पद्धति है। यह चिकित्सा पद्धति आशा आयुर्वेदा में उपलब्ध है।
ध्यान रहे की आयुर्वेदिक चिकित्सा की यह शिरोधारा चिकित्सा किसी आयुर्वेद एक्सपर्ट की निगरानी में ही लेना चाहिए।
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