थायराइड: आज भारत में औसतन 10 व्यक्ति में से एक व्यक्ति थायराइड नामक बीमारी से ग्रस्त है। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में थायराइड के इलाज का खर्चा कम कर दिया गया है। जिससे लोग इस बीमारी का इलाज करवा सकें। पुरुषों की तुलना में यह बीमारी महिलाओं को अधिक होती है।
थायराइड की बीमारी किसी व्यक्ति के शरीर में पाए जाने वाले ग्लैंड में से एक है। थाइराइड बीमारी गर्दन में श्वास नली के ऊपर एक तितली के आकार के ग्लैंड के रूप में होती है।
जिसमे हमारे शरीर में थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है। यही हार्मोन हमारे शरीर में ऊर्जा को बढ़ाएं का काम करता है। यह ग्रंथि शरीर में स्थित कोशिकाओं को नियंत्रित करती रहती है।
यह एक तरह से मास्टर लीवर की तरह होती है। यह हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं में रक्त पहुंचाने का काम करती है। अगर यह ग्रंथि सही ढंग से काम नहीं करती तब कई तरह की परेशानियां होने लगती है।
थायराइड एक ऐसी बीमारी है जो गले में होती है और शुरुआत में इसका पता नहीं चल पाता है। लेकिन जब धीरे-धीरे यह बढ़ने लगता है तब यह आसानी से गले पर नजर आने लग जाता है।
ज्यादातर लोग बढ़ जाने पर इसका इलाज कराते है। यह शरीर में आयोडीन की कमी से भी हो जाती है। इसलिए आयोडीन युक्त भोजन का इस्तेमाल जरूर करें।
थॉयराइड के कारण :-
थायराइड होने के लिए निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
- थायराइड का सबसे सामान्य कारण ग्रेव्स डिजीज है अर्थात या एक तरह का ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें ऑटो एंटीबॉडी अधिक मात्रा में बनने की वजह से थायराइड हार्मोन का उत्पादन उत्तेजित हो जाता है। यह बीमारी अक्सर महिलाओं में अधिक होती है।
- थायराइड ग्लैंड में गांठ बनने की वजह से हार्मोन का संतुलन खराब होने लगता है।
- महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में बहुत से बदलाव होते हैं जिसकी वजह से हायपर थायराइड हो सकती है।
- इसके अलावा पिट्यूटरी ग्लैंड में कैंसर कोशिकाओं के विकसित होने पर भी थायराइड हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है।
- जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है उन्हें थायराइड होने का खतरा अधिक रहता है।
- गर्भावस्था के दौरान होने वाली थायराइड में बच्चे के जन्म के बाद या समस्या कुछ दिन बाद अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन यह समस्या ठीक ना होने पर तुरंत इलाज कराना चाहिए।
- जो लोग अत्यधिक तनाव में रहते हैं और लोगों में थायराइड का खतरा अधिक रहता है।
थायराइड के लक्षण :-
थायराइड के निम्नलिखित लक्षण होते हैं जो इस प्रकार से हैं –
- कब्ज होना
- शरीर के वजन का बढ़ना या घटना
- हाथ पैर ठंडे होना
- त्वचा का सुखना
- अत्यधिक मानसिक तनाव
- आलस महसूस होना
- सर्दी जुखाम जैसी समस्या जल्दी ठीक ना होना
- शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा पहुंचना
- बाल गिरने की समस्या उत्पन्न होना
थायराइड की समस्या को दूर करने के घरेलू उपचार :-
- लौकी के रस में तुलसी के पत्ते को मिलाकर पीने से थायराइड की समस्या दूर हो जाती है।
- खाने में मछली का अधिक इस्तेमाल करें मछली में ओमेगा थ्री फैटी एसिड पाया जाता है जो कि थायराइड का एक घरेलू उपचार है।
- थायराइड में सेब का सिरका खाना फायदेमंद होता है। सेब के सिरके में अल्काइन एसिड पाया जाता है जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
- थायराइड में हरी धनिया की चटनी खाना फायदेमंद होता है। इससे पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।
- प्राणायाम योगासन करना भी थायराइड के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा सूर्यनमस्कार भी किया जा सकता है।
थायराइड में क्या खाएं क्या नही :-
- थायराइड की समस्या होने पर आयरन कॉपर युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए। इसलिए अपने डाइट में लहसुन, प्याज, मशरूम, मुलेठी जैसे तत्वों को शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा नारियल तेल में पका हुआ भोजन और दही कम मात्रा में खाएं।
- पनीर, टमाटर, हरी सब्जी, विटामिन ए पोषक तत्वों को अधिक से अधिक सेवन करें।
- थायराइड में धूम्रपान और मैदे वाली चीजों से दूर रहें।
- बंदगोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, चाय, कॉफी, चिकन, मटन, अत्यधिक मिर्च मसाला, नमकीन, बिस्किट, मिठाई, चावल, सफेद नमक आदि का कम से कम इस्तेमाल करें।
यह भी पढ़ें :–