भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर पिछले 1 साल से लगातार जारी है। इसी बीच कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की संभावना भी बनी हुई है। अब इसी बीच भारत में बर्ड फ्लू का खतरा भी बढ़ रहा है।
नई दिल्ली एम्स में अभी हाल में ही एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत बर्ड फ्लू से हुई। जिसकी वजह से डॉक्टर चिंतित हैं। इसे बर्ड फ्लू से होने वाली पहली मौत बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बर्ड फ्लू की वजह से इंसानों की पहली मौत हुई है।
लेकिन इससे दूसरे इंसानों में बर्ड फ्लू फैलने का कितना खतरा रहता है? यह कितना घातक होता है? इसके बारे में और समझाने के दिल्ली के एम्स अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल से बातचीज में काफी जानकारी मिली आइये जानते है-
बर्ड फ्लू से इंसान की मौत –
दिल्ली के एम्स अस्पताल में बर्ड फ्लू से संक्रमित एक मरीज की अभी हाल में ही मृत्यु हुई है। इसे बर्ड फ्लू से होने वाले पहले इंसान की मौत बताया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जून महीने के अंत में इस मरीज को बाल रोग विभाग में इलाज के लिए उसके परिजनों ने भर्ती किया था।
डॉक्टर ने शुरुआती लक्षण देखने के बाद कोरोना वायरस की जांच की। लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आई। तब उसका दूसरा परीक्षण किया गया इसके बाद उसमे बुखार और निमोनिया जैसे लक्षण दिखे।
तब पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी में उसका सैंपल भेजा गया। जिसके बाद बाद में मरीज में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई। इलाज के दौरान 20 जुलाई को बच्चे की मृत्यु हो गई।
बर्ड फ्लू संक्रमण कितना खतरनाक है?
बर्ड फ्लू का संक्रमण सामान्य तौर पर पक्षियों में होने वाले एक दुर्लभ बीमारी समझी जाती है। लेकिन पंछियों से यह संक्रमण इंसानों को भी हो सकता है। बर्ड फ्लू को H5N1 एवियन इनफ्लुएंजा इंसानों में ट्रांसमिशन होता है।
लेकिन बर्ड फ्लू का संक्रमण पक्षियों के मांस का सेवन करने से होता है। हालांकि इस बीमारी का एक इंसान से दूसरे इंसान में होने के साक्ष्य अभी तक नहीं पाए गए हैं। दिल्ली एम्स में मरीज की मृत्यु के बाद सीरो सर्वे किया गया। जिसमें बिना लक्षण वाले कोई भी मामला नहीं पाया गया। हॉस्पिटल का कोई भी कर्मचारी संक्रमित नहीं पाया गया।
प्रमुख तौर से बर्ड फ्लू का संक्रमण प्रवासी पक्षियों में पाया जाता है। जिसकी वजह से यह संक्रमण चिकन में फैल जाता है। विशेषकर के पोल्ट्री फॉर्म में काम करने वाले लोगों में इस संक्रमण से फैलने की आशंका अधिक रहती है।
एवियन इनफ्लुएंजा क्या है?
एवियन इनफ्लुएंजा वायरस का ही एक प्रकार का नाम है। यह प्रमुख रूप से पक्षियों में पाया जाने वाला वायरस है। लेकिन इस वायरस से पक्षियों के साथ साथ इंसान भी संक्रमित हो सकता है।
यह वायरस प्रमुख रूप से प्रवासी पक्षियों में ही पाया जाता है। विशेष करके जब एक पक्षी एक देश से दूसरे देश में प्रवास करते हैं, तब इस संक्रमण की फैलने की आशंका रहती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एवियन इनफ्लुएंजा का संक्रमण इंसानों में भी होता है। लेकिन इसमें मृत्यु दर बेहद कम रहती है।
बर्ड फ्लू के लक्षण –
प्रवासी पक्षियों में प्रमुख रूप से पाया जाने वाला यह संक्रमण बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है। यह इंसानों में भी फैल सकता है। लेकिन अभी तक इंसानों में इसके कम मामले पाए गए हैं।
साथ ही एक इंसान से दूसरे इंसान में इस संक्रमण के फैलने के साक्ष्य अभी तक नही मिला है। इंसानों में बर्ड फ्लू के लक्षण 3 से 10 दिन में दिखाई दे सकते हैं। बर्ड फ्लू से संक्रमित होने के बाद इंसानों में निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलते हैं –
- बुखार
- खांसी
- सिर दर्द
- गले में खराश की समस्या
- मांसपेशियों में दर्द होना
- मिचली आना
- निमोनिया
- सांस लेने में परेशानी
बर्ड फ्लू से बचाव कैसे करें ?
बर्ड फ्लू संक्रमण से बचाव के लिए साफ सफाई के साथ-साथ सावधानी बरतना जरूरी है। यह वायरस पक्षियों से इंसानों में फैलता है इसलिए पक्षियों से दूरी बनाना होगा। इसके अलावा और बर्ड फ्लू से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखते हैं –
- नियमित रूप से हाथ की सफाई करना
- खुली हवा में या किसी मार्केट में पक्षियों या चिकन के संपर्क में आने से बचें
- अधपका मांस का सेवन न करें
- अंडे का सेवन उसे अच्छी तरह उबालने के बाद करें
- मास्क का इस्तेमाल करें
- पोल्ट्री फॉर्म में काम करने वाले व्यक्तियों के संपर्क में आने से पहले सावधानी बरतें।
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