देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण किया जा रहा है। 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का देशभर में व्यापक स्तर पर टीकाकरण किया जा रहा है।
इसी बीच भारत सरकार ने घोषणा की है कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी कोरोना वायरस का टीका जल्दी लगाया जाएगा। यानी कि अब इंतजार खत्म हो गया है। अब बच्चों के लिए भी देश में कोरोना वैक्सीन आ गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर के पहले सप्ताह से देश भर में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाने की संभावना है। सरकार ने बच्चों के लिए मिडिल फ्री वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी है। इस निडिल फ्री वैक्सीन का नाम है ZyCov-D।
देशभर में सितंबर महीने में इस वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। जिससे अक्टूबर से बच्चों को कोरोना वायरस लगाने का काम प्रारंभ किया जा सके।
इन बच्चों को वैक्सीन में मिलेगी प्राथमिकता –
भारत सरकार द्वारा बच्चों के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। सरकार द्वारा गठित कोविड केयर के चेयरमैन डॉक्टर एनके अरोड़ा ने बताया कि कोरोना वायरस के खिलाफ 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को जल्द ही टीका लगाना शुरू कर दिया जाएगा।
लेकिन शुरुआत शुरुआत में यह वैक्सीन सिर्फ चुनिंदा बच्चों को लगाई जाएगी, जो किसी दूसरी बीमारी से जूझ रहे हैं या किसी की भीड़ बीमारी से पीड़ित हैं। क्योंकि ऐसे बच्चों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन लगाने में इन बच्चों को प्राथमिकता देने की बात कही जा रही है।
तैयार की जा रही बच्चों की लिस्ट –
देशभर में जिन बच्चों को वैक्सीन लगाई जानी है इसके लिए डीसीजीआई की तरफ से अनुमति भी मिल गई है। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन ने देश में उन बच्चों की एक सूची बनाई जा रही है जिन्हें कोरोना वायरस की वैक्सीन सबसे पहले लगाई जाएगी।
इस लिस्ट में बच्चों का नाम बीमारी के आधार पर रखा जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वैक्सीन में उन बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी जो हाइपरटेंसन या डाइबिटीज से पीड़ित है।
बच्चों को अक्टूबर में लगेगी ZyCoV-D की डोज –
देशभर में कोरोना वायरस खिलाफ लड़ने के लिए सरकार तेजी से वैक्सीनेशन करवा रही है। भारत सरकार 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए नई कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।
यह वैक्सीन जाईडस कैंडिल कंपनी द्वारा बनाई जा रही है। इस वैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण पूरा हो गया है। यह दुनिया की पहली प्लाजमिड डीएनए वैक्सीन है।
यह वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी है। यह शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीजन बनाती है। इस वैक्सीन को स्टोर करने के लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है। ऐसे में भारत में कोल्ड चेन स्थितियों के अनुकूल इसे बताया जा रहा है। इसका निर्माण करने में लगभग 500 करोड़ का खर्चा आ रहा है।
2022 में लगेगी सभी बच्चों को वैक्सीन –
भारत सरकार के कोविड एडवाइजर एम के अरोड़ा ने बताया कि अक्टूबर से बच्चों के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जाएगी। लेकिन यह फिलहाल सभी बच्चों को नहीं लगाई जाएगी।
अक्टूबर से कोरोना वायरस की वैक्सीन सिर्फ उन बच्चों को लगाई जाएगी जो किसी बीमारी से पीड़ित है अथवा गंभीर बीमारी से लड़ रहे हैं। इस पर डॉक्टर अरोड़ा का कहना है कि जो बच्चे स्वस्थ हैं उनमें कोरोना वायरस का खतरा काफी कम है।
टीकाकरण 2022 की पहली तिमाही में सभी बच्चों को किया जाएगा। डॉक्टर अरोड़ा ने यह अभी बताया कि देश में स्कूल खोलने के लिए फिलहाल टीकाकरण की जरूरत नहीं है। बस घरों में मौजूद सभी सदस्यों के साथ-साथ स्कूल के सभी स्टाफ स्टाफ का टीकाकरण होना बेहद जरूरी है
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