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पिंडली में दर्द (Calf Pain) इस वजह से होता है, जाने इसके लक्षण और बचाव के घरेलू नुस्खे

पिंडली में दर्द (Calf pain) इस वजह से होता है, जाने इसके लक्षण और बचाव के घरेलू नुस्खे
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अक्सर पिंडली में दर्द (Calf Pain) अर्थात टांग के निचले हिस्से में दर्द आप में से ज्यादातर लोगों ने महसूस किया होगा। सामान्य रूप से यह दर्द मांसपेशियों में ऐंठन या खिंचाव की वजह से होता है।

लेकिन इस दर्द के होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं जिसकी वजह से यह दर्द होता है। कुछ लोगों को इस तरह के दर्द में अकड़न जैसा महसूस होता है।

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डॉक्टर के अनुसार जब इसके लक्षण समझ में साफ-साफ ना आए तो इसकी वजह जानने के लिए ब्लड टेस्ट या अल्ट्रासाउंड स्कैन कराया जाता है।

अगर दर्द मामूली है तो उस जगह पर बर्फ से सिकाई करके इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं पिंडली में दर्द के क्या कारण है इसके लक्षण और बचाव के बारे में –

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पिंडली में दर्द ज्यादातर लोगों को दौड़ने के कारण नशो में तनाव की परेशानी उत्पन्न करता है। इस दर्द के कारण लोगों को अपने पैरों में भारीपन महसूस होता है। इस दर्द के पीछे अलग-अलग कारण होते हैं।

कई बार खानपान में बदलाव की वजह से पिंडली में ऐठन जैसी समस्या आ जाती है और कई बार चोट की वजह से मांसपेशियां को नुकसान पहुंचता है जिसके कारण सूजन हो जाती है और दर्द होता है।

पिंडली के दर्द के प्रमुख कारण –

मांसपेशियों में ऐंठन –

जब ज्यादा पैर दर्द होता है तो उस स्थिति को मांसपेशियों में ऐंठन का दर्द कहते हैं। यह थोड़े समय के लिए ही होता है। ऐसे में यह घबराने वाली स्थिति नहीं मानी जाती।

इसे एक आम समस्या मानी जाती है। ज्यादातर यह एक्सरसाइज करने, भागने दौड़ने के कारण होता है और अपने आप ही आराम करने के बाद ठीक हो जाता है।

नीला पड़ने के कारण –

जब कभी शरीर में चोट लग जाती है या खाल कुचल सी जाती है तो उस ज्यादा की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं जिसकी वजह से वहाँ की त्वचा का रंग नीला पड़ जाती है। यह अपने आप ठीक हो जाता है और इसमें होने वाला दर्द भी कुछ दिनों में खुद ब खुद ठीक हो जाता है।

डायबीटिक पेरीफेरल न्यूरोपैथी –

डायबीटिक पेरीफेरल न्यूरोथेरेपी की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब नशे बहुत ज्यादा प्रभावित हो जाती हैं। इसमें नशे क्षतिग्रस्त हो जाती है जिसकी वजह से हाथ पैर और टांग में दर्द की समस्या हो जाती है। इसमें पिंडली का दर्द भी शामिल है।

साइटिका –

साइटिका का दर्द काफी तेज होता है। मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नशे जब प्रभावित होने लगती है तो उनकी वजह से साइटिका बीमारी हो जाती है। जिसमें पैरो के निचले हिस्से के पीछे जो नस होती है वह क्षतिग्रस्त हो जाती है।

यह दर्द मांसपेशियों को भी प्रभावित करता है। इसमें पिछला हिस्सा सुन्न पड़ जाता है। कई बार इस दर्द से निजात पाने के लिए लोगों को सर्जरी भी करवानी पड़ती है।

डीप वेन थ्रांबोसिस –

जब नस में खून का थक्का जमने लग जाता है तो पिंडली के दर्द कक डीप बेन थ्रांबोसिस डीवीटी कहा जाता है। ज्यादातर इसका कारण धूम्रपान होता है। मांसपेशियों में खिंचाव मांसपेशियों में खिंचाव के कारण दर्द महसूस होता है।

यह ज्यादातर दौड़ने और अत्यधिक चलने की वजह से होता है। इसके अलावा तैराकी करने, साइकिल चलाने, वजन उठाने की वजह से भी मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से दर्द होता है।

पिंडली के दर्द के लक्षण –

  • नीला पड़ना,
  • अकड़न महसूस होना
  • आसपास की जगह में सूजन हो जाना
  • पिंडली में कमजोरी ,दर्द जैसा महसूस होना

पिंडली के दर्द से बचाव के उपाय:-

सही जूते चप्पल का चयन सही –

जूते चप्पल का चुनाव न करने की वजह से भी पिंडली में खिंचाव की वजह से दर्द होता है। कई बार जूता चप्पल फिट नहीं बैठते और बहुत ज्यादा बड़े बहुत ज्यादा छोटे रहते हैं तो इससे उंगली में खिंचाव उत्पन्न होता है और उसकी वजह से दर्द होने लगता है। जब पिंडली पर इनका प्रभाव कम हो जाता है तब यह दर्द बंद हो जाते हैं।

शरीर को गतिशील बनाए –

रोजाना सुबह उठकर व्यायाम करने और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने से पहले पूरे शरीर की मांसपेशियां में गतिशीलता जाती है। इसलिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

पानी की कमी न होने दें –

शरीर में जब पानी की कमी होने लगती है तो पिंडली में दर्द की समस्या देखी जाती है। ऐसे में पिंडली के दर्द से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिए जिससे मांसपेशियों में ऐंठन न होने पाए।

स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज –

मांसपेशियों को स्ट्रेच करने से भी पिंडली में होने वाले दर्द को आसानी से कम किया जा सकता है। इससे पिंडली की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और दर्द में भी राहत मिलती है।

ध्यान रखें पिंडली में होने वाला दर्द एक आम समस्या है लेकिन जब यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाए तब इसकी अनदेखा न करें और डॉक्टर से सलाह लें।

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