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एसिडिटी को दूर करने और पेट की गैस से तुरंत छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

एसिडिटी में अपनाए जाने वाले घरेलू उपचार
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Home Remedies For Acidity :-

बारिश के मौसम में पाचन से जुड़ी समस्याएं अधिक देखने को मिलती है। जैसे – पेट खराब होना, पेट में जलन होना, या फिर पेट में दर्द होना, पेट से जुडी जब कोई समस्या होती है तो काफी परेशानी होती है।

ऐसे ही एसिडिटी एक आम समस्या है। लेकिन इसकी वजह से काफी परेशानी उठानी पड़ती है। एसिडिटी की समस्या तब होती है जब पेट में जठर ग्रंथियां में एसिड का स्त्राव अधिक मात्रा में होने लग जाता है। जिसकी वजह से पेट में गैस, सांसो में बदबू, पेट में दर्द जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।

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एसिडिटी का कारण कुछ भी हो सकता है जैसे अत्यधिक खाना खा लेना, खाली पेट रहना, चाय कॉफी का अत्यधिक सेवन करना, धूम्रपान और शराब भी अत्यधिक सेवन कई बार एसिडिटी का कारण बन सकता है।

एसिडिटी आमतौर पर तब होती है जब हम भारी भोजन करते हैं या फिर मसालेदार भोजन करते हैं। जिन्हें पचने में अधिक समय लग जाता है। एसिडिटी की समस्या लोगों को कई तरह की परेशानियां देती है।

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लोग एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies For Acidity) पर अधिक भरोसा करते हैं। क्योंकि यह घरेलू उपाय बहुत असर कार्य होते हैं। आज हम जानेंगे एसिडिटी को दूर करने के कुछ घरेलू उपचारों के बारे में जिससे आसानी से एसिडिटी की समस्या से राहत पाई जा सकती है।

एसिडिटी में अपनाए जाने वाले घरेलू उपचार (Home Remedies For Acidity) :-

तुलसी की पत्ती का सेवन :-

तुलसी की पत्ती औषधी रूप से बहुत फायदेमंद मानी जाती है। यह एसिडिटी से भी तुरंत छुटकारा दिलाती है। जब भी आपको पेट में लगे कि गैस बने, तब तुलसी के कुछ पत्ते खा ले।

या एक कप पानी में 4 से 5 तुलसी के पत्ते को को उबालकर और फिर इसे छानकर चाय की तरह पी ले। इससे एसिडिटी की समस्या में काफी जल्दी राहत मिल जाती है। एसिडिटी के लिए तुलसी की पत्ती को सबसे अच्छे घरेलू उपचार में से एक समझा जाता है।

सौंफ का सेवन :-

अक्सर लोग खाना खाने के बाद सौफ चबाना पसंद करते हैं। सौफ चबाना पेट की एसिडिटी की समस्या से भी राहत देता है। सौफ के बीज में पाया जाने वाला तेल अपच और सूजन की समस्या को दूर करता है। सौंफ की चाय बनाकर पीने से भी एसिडिटी की समस्या में जल्दी आराम मिलता है।

दालचीनी का इस्तेमाल :-

दालचीनी वैसे तो हमारे किचन में इस्तेमाल होने वाला एक मसाला है। लेकिन यह पेट के पाचन के लिए एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है। यह पाचन को बेहतर करता है और पेट को शांत करने का काम करता है।

गैस बनने पर दालचीनी की चाय पीना फायदेमंद माना जाता है। यह पेट से जुड़ी संक्रमण को भी ठीक करने में मददगार है। इसके लिए दालचीनी की चाय पीना काफी अच्छा समझा जाता है।

दालचीनी को पोषक तत्वों का पावर हाउस भी कहते हैं। इसमें कई सारे औषधीय गुण होते हैं। और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

गुड का सेवन :-

बहुत सारे लोगों को गुड खाना पसंद होता है। गुड में मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। शायद यही वजह है कि गुड पाचन की शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है।

यह खाने को पचाने में भी मददगार होता है। इससे पाचन तंत्र को प्राकृतिक रूप से क्षारीय बनाने में मदद मिलती है। जब पेट में अग्नि कम हो जाती है तो अक्सर पेट से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होती है। ऐसे में खाना खाने के बाद गुड़ का एक छोटा सा टुकड़ा खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

लौंग का सेवन :-

लौंग को आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। पांचन से जुड़े विकारों को ठीक करने के लिए पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद दोनों में ही लौंग का प्रयोग काफी लंबे समय से होता रहा है।

लौंग में कर्मिनेटिव नाम का एक तत्व पाया जाता है। खाना जल्दी से पच जाए इसलिए जब भी राजमा या काला चना बनाया जाता है तो उसमें लौंग जरूर डालते हैं।

जीरा का सेवन :-

जीरा को एक बेहतरीन एसिड न्यूट्रलाइजर के रूप में समझा जाता है। यह पाचन को बेहतर करने में भी मदद करता है। जब पेट में दर्द हो तो जीरा का सेवन किया जा सकता है।

इसके लिए भुने हुए जीरे को पीसकर एक चम्मच जीरा पाउडर को एक गिलास पानी में घोल ले। या फिर एक कप उबले हुए पानी में एक चम्मच जीरा भीगा दे। रोजाना खाना खाने के बाद इस पानी को पी लें। इससे पाचन सही रहता है और एसिडिटी की समस्या भी नही होती है।

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