साफ पानी और स्वस्थ और स्वच्छ खाना इंसान के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी तत्व है। जो लोग साफ पानी नहीं पीते हैं उन लोगों में स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की परेशानियां देखने को मिलते हैं।
भारत में साफ पानी पानी न पीने की वजह से एक बड़ी आबादी फ्लोरोसिस नामक बीमारी से ग्रस्त है। फ्लोरोसिस एक जानलेवा बीमारी है। यह बीमारी पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने की वजह से होती है।
बता दें कि फ्लोराइड पानी में घुला हुआ एक तत्व है और अगर इसकी अत्यधिक मात्रा शरीर में जाती है तब यह शरीर के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है।
इस बीमारी की वजह से हड्डियां और दांत तेढे हो जाते हैं। अभी कुछ समय पहले लोकसभा में सरकार ने बताया कि अब देश में फ्लोरोसिस बीमारी के मामले कम रहे हैं।
इसकी वजह यह है कि अब लोग पहले की तुलना में साफ पानी पीने लगे हैं। आइए जानते हैं फ्लोरेस बीमारी और इसके लक्षण के बारे में –
लक्षण:-
भारत के लोगों में पाई जाने वाली फ्लोरोसिस बीमारी के लक्षण बहुत ही आम है जो आसानी से देखने को भी मिल जाती हैं।
इंडिया वाटर पोर्टल के अनुसार इस बीमारी की वजह से हाथ और पैरों का आगे तरफ या फिर पीछे की तरफ मुड़ जाना, दांतों का पीला पड़ना, जोड़ों में दर्द रहना और पेट का भारी महसूस होना इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है।
बचाव के उपाय:-
फ्लोरोसिस बीमारी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं, विशेष करके पानी अगर फ्लोराइड मुक्त रहेगा तब शरीर का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
पानी की जांच:-
सबसे पहले पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें। इसके लिए सबसे जरूरी है कि अपने घर के पानी में फ्लोराइड की मात्रा कितनी है इस बात की जांच करवाई जाए।
फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने से ही फ्लोरोसिस बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। घर पर खुद ही पानी में फ्लोराइड की मात्रा जांची जा सकती है।
इसके लिए बाजार में एक केमिकल मिलता है जिसके जरिए पानी की गुणवत्ता की जांच की जाती है। जब इस केमिकल को पानी में मिलाया जाता है तब अगर पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक रहती है ।
तब पानी पीला पड़ जाता है, वहीं यदि फ्लोराइड की मात्रा कम रहती है तब पानी गुलाबी रंग का हो जाता है। अगर पानी केमिकल के मिलाने पर गुलाबी रंग का होता है तब पानी में फ्लोराइड की मात्रा कम है और वह पीने योग्य होता है।
फिल्टर किया हुआ पानी पिये :-
फ्लोरोसिस बीमारी से बचने का एक सबसे बेहतर उपाय है कि फिल्टर का किया हुआ पानी पिया जाए। आजकल घरों में विभिन्न कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आरओ फिल्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसके अलावा फिल्टर किया हुआ बोतल बंद पानी अब गांव में भी मिलने लगा है। उसे भी पीने के पानी के रूप में इस्तेमाल करने से फ्लोराइड की वजह से होने वाली बीमारी से बचा जा सकता है।
खून और यूरिन की जांच:-
अगर आपको यह आशंका है कि कहीं आपके शरीर में फ्लोराइड प्रवेश तो नहीं कर गया है तो इसके लिए सबसे पहले अपने खून और यूरिन की जांच करवा लें।
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अगर शरीर में फ्लोराइड की मात्रा 0.05gm/लीटर है तो यह शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है ऐसे नहीं अपने पानी के प्रति सतर्क होना बेहद जरूरी है।
अन्य कारण:-
सिर्फ पानी की ही वजह से नहीं बल्कि वैज्ञानिकों के अनुसार फ्लोराइड युक्त मिट्टी के साथ पैदा हुए गेहूं, चावल और आलू जैसी खाद्य पदार्थ की चीजों को खाने से भी इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसलिए स्वच्छ और स्वस्थ आहार लेना बहुत जरूरी है और अपनी डाइट में कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी की भरपूर मात्रा शामिल करें। इसके अलावा स्वास्थ्य विशेषज्ञ / खाद्य विशेषज्ञ से इस बारे में सलाह ली जा सकती है।