भारत के अधिकांश बारे में घरों में खाना बनाने के लिए सरसों का तेल इस्तेमाल किया जाता है। सरसों का तेल लोगों का पसंदीदा तेल माना जाता है। सरसों का तेल स्वास्थ्य और सेहत दोनों के लिए अच्छा होता है।
बाजार में कई अन्य खाद्य तेल भी उपलब्ध हैं। लेकिन भारत के गांवों में सरसों का तेल आज भी प्रमुख तेल के तौर पर ही इस्तेमाल होता है। कई शोध में यह पाया गया है कि सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।
इसलिए सरसों के तेल की मांग अधिक रहती है। पिछले कुछ समय में पाया गया है कि सरसों के तेल में मिलावट होने लगी है। बाजार में उपलब्ध सरसों के तेल में नकली तेल मिलाकर इसे बेचा जा रहा है। सरसों के तेल में हो रही मिलावट स्वाद को तो खराब करती ही है साथ ही यह सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है।
कई जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि सरसों के तेल में आर्गेमोन तेल या अन्य कम गुणवत्ता वाले तेल की मिलावट की जाती है। जिससे सरसों के तेल की पौष्टिकता, शुद्धता और गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है।
लोग सरसों के तेल में हो रहे इस मिलावट से काफी परेशान भी हैं। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि मिलावटी तेल को इस्तेमाल करने से पहले यह जाने ले कि सरसो का तेल असली है या मिलावटी। तो आज हम जानेंगे सरसों के तेल की पहचान घर पर कैसे करें? कैसे यह जाने की सरसों का तेल असली है या नकली?
फ्रिज में रख दे सरसों का तेल –
सरसों के तेल में मिलावट को पहचानने के लिए आप उसे फ्रिज में रखकर फ्रीज टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए एक कटोरे में सरसों का तेल लेकर कुछ घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। फ्रिज से निकालने के बाद यदि तेल जमा हुआ नजर आए या फिर उस पर सफेद धब्बे जैसा नजर आने लगे तब यह समझ लीजिए कि सरसों का तेल मिलावटी है। यह शुद्ध नहीं है। शुद्ध तेल फ्रिज में रखने पर जमता नहीं है न ही इस पर किसी भी प्रकार का सफेद धब्बा देखता है।
शरीर पर रगड़े –
सरसों का तेल असली है या नकली इसकी जांच के लिए हथेली पर थोड़ा सा सरसों का तेल लेकर इसे आपस में खूब रगड़ने। आप देखेंगे कि केमिकल वाले तेल से बदबू आने लगेगी या फिर कोई रंग निकलेगा। लेकिन शुद्ध सरसो के तेल में ऐसा कुछ भी नहीं होता है।
बैरोमीटर टेस्ट –
असली और नकली सरसों के तेल की पहचान बैरोमीटर टेस्ट से की जा सकती है। असली सरसों के तेल की शुद्धता बैरोमीटर के मुताबिक रीडिंग में 58 से 7.5 के बीच होती है। लेकिन यदि रीडिंग तय मानक से ज्यादा है तो यह नकली तेल होता है। इसलिए जब भी सरसों का तेल बाजार से खरीदे,।इसे बैरोमीटर पर उसकी रीडिंग करवा ले,। जिससे असली और नकली तेल की पहचान वहीं पर हो सके।
सरसों का तेल का रंग–
सरसों के तेल के रंग से भी असली और नकली तेल की पहचान की जा सकती है। तेल यदि रंग बदलता है तो इसका मतलब है तेल में मिलावट की जा रही है। आजकल सरसों के तेल में घटिया गुणवत्ता के तेल को मिला दिया जाता है। इस तरह के तेल में जहरीले तत्व भी पाये जाते है।
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