कोरोना ( covid 19 ) से ठीक होने वाले मरीजों में थकान और कमजोरी की समस्या देखने को मिल रही है। इसके अलावा कोरोना वायरस से रिकवर हुए कई मरीजों में कमर दर्द की समस्या भी देखी जा रही है।
बता दे कि एक बड़ी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी है। उसमें अब पीठ और कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या देखने को मिल रही है।
डॉक्टर का मानना है कि पीठ और कमर दर्द कोरोना वायरस का एक लक्षण ही है। ऐसे में इस कमर दर्द को कभी भी नजरअंदाज न करें। आइए जानते हैं क्या होता है कमर दर्द और इससे कैसे छुटकारा पाएं?
कोरोना के मरीजों में कमर दर्द की समस्या क्यों मिल रही है?
एक शोध में पाया गया है कि 63 फ़ीसदी कोरोना के डेल्टा वैरीअंट से संक्रमित लोगों में कमर दर्द की समस्या पाई जा रही है। जबकि कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित 42% लोगों में पीठ और कमर दर्द की परेशानी देखने को मिल रही है।
दरअसल कोरोना वायरस का यह वैरीअंट शरीर के तीन हिस्सों को अधिक प्रभावित करता है। जिसमें सिर, पीठ का निचला हिस्सा और मांसपेशियां शामिल है।
ऐसे में कोरोना से संक्रमित ज्यादातर लोगों में थकान, कमजोरी, चक्कर आना, कमर दर्द की समस्या देखने को मिल रही है। कोरोना से संक्रमित मरीजों को मांसपेशियों में दर्द के साथ घुटनों में भी दर्द की समस्या देखने को मिल रही है।
कोरोना में क्यों होता है कमर दर्द?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों में कोरोना वायरस साइटोंकाइन्स हार्मोन को एक्टिव कर देता है। यह हार्मोन इन्फ्लेमेटरी प्रकार का होता है। अर्थात यह कोशिकाओं में सूजन बढ़ाने का काम करता है। यह एक ऐसा हार्मोन है जो दिमाग को दर्द महसूस करने का सिग्नल देता है और सूजन वाली जगह पर दर्द महसूस होता है।
इस तरह पायें कमर दर्द से राहत :-
- अगर आपको बार-बार और लगातार कमर दर्द अर्थात बैक पेन की समस्या हो रही है तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें।
- जब तक आराम न मिले किसी भी तरह की शारीरिक एक्सरसाइज करने से बचें।
- कोरोनावायरस से रिकवर होने के बाद भी डॉक्टर द्वारा बताए गए पैटर्न को फॉलो करें।
- 2 हफ्ते तक अपने फिजिकल एक्टिविटी को धीरे-धीरे करके बढ़ाएं।
- अगर आप कोरोना से पहले 100 कदम चलते थे तो रिकवर होने के बाद सिर्फ 30 कदम टहलने से ही शुरुआत करें और धीरे-धीरे करके इसे बढ़ाएं।
- शुरुआत में पीट के हल्के व्यायाम कर सकते हैं और समय के साथ इसे बढ़ा सकते हैं।
- खान-पान से जुड़ी चीजों का विशेष ध्यान रखें और ठंडी चीजें के सेवन से परहेज करें।
नोट इस लेख में बताई गई जानकारी बीमारी का इलाज नहीं है। इसे केवल सुझाव की तरह ही अपनाये। किसी भी तरह की कोई समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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