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क्या आप अकेलेपन की समस्या से ग्रस्त है ? जाने कैसे पाए इससे छुटकारा

Ways to deal with loneliness in Hindi
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आज के इस सोशल मीडिया के दौर में लोगों के सोशल मीडिया पर सैकड़ों हजारों दोस्त होते हैं। लेकिन इसके बावजूद ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्हें लगता है कि उनका कोई नहीं है।

अगर आप भी लोगों से घिरे होने के बाद भी अकेलापन महसूस कर रहे हैं तो यकीन मानिए यह भावना आप जैसे हजारों लोग अपने मन में रखे
हैं। यह भावना दैनिक जीवन के कामकाज और व्यवहार को प्रभावित कर सकती है। ऐसी स्थिति में अभी से सावधान हो जाना बेहद जरूरी है।

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अकेलेपन की स्थिति धीरे-धीरे अवसाद और तनाव जैसी गंभीर मानसिक समस्या का कारण बन जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अकेलेपन की भावना हर उम्र पर अलग-अलग और अलग-अलग कारणों की वजह से होती है।

समय रहते हैं यदि इसके कारण और गंभीरता की पहचान कर ली जाए तो इससे बचा जा सकता है। आइये जानते हैं अकेलेपन की समस्या से किस तरह से निजात पाया जा सकता है।

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अकेलेपन की समस्या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार नकारात्मक भावनाओं को वर्णित करता है, जो सामाजिक संबंधों के अभाव की वजह से जन्म लेती है। कुछ ऐसी परिस्थितियों में अकेलेपन की समस्या मस्तिष्क पर सीधे गंभीर प्रभाव डालने की क्षमता रखती है।

यही वजह है कि समय रहते इसके कारण और गंभीरता का पता लगाकर इसका निदान करना बेहद जरूरी माना जाता है।


कैसे जाने कि आप अकेलेपन के शिकार हैं ( How to know if you are a victim of loneliness in Hindi ) –


मनोचिकित्सक डॉक्टर निधि का कहना है कि अकेलेपन की समस्या किसी को भी कभी भी हो सकती है। लेकिन इस भावना के चलते दैनिक जीवन में समस्या आने लगे या फिर रोजमर्रा का काम प्रभावित होने लगे तो सबसे पहले मनोचिकित्सक से जरूर सलाह लें।

सामान्य तौर पर देखा जाता है कि अकेलेपन की वजह से लोगों को खालीपन, दुख, उदासी, तनाव जैसी समस्याओं का अहसास होने लगता है। समस्या बढ़ने के साथ लोगों में इस प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं।
● थकान महसूस होना और ऊर्जा की कमी लगना,
● किसी भी बात पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस करना,
● अनिंद्रा की समस्या,
● आत्म संदेह और निराशा की भावना,
● बेचैनी और घबराहट महसूस होना।

क्या है अकेलेपन की समस्या ( What is the problem of loneliness in Hindi ) :-


डॉ निधि का मानना है कि अलग-अलग आयु वर्ग में अकेलेपन की समस्या अलग-अलग कारण की वजह से देखने को मिलती है। युवाओं में रिलेशनशिप की वजह से, अलग शहर में रहने की वजह से, लंबे समय तक अकेले रहने की वजह से, घर से दूर रहने की वजह से, पति या पत्नी किसी एक की मृत्यु की वजह से इस तरह की भावनाएं जन्म लेती हैं।

कई बार नई परिस्थितियों के साथ सहित तालमेल न बिठा पाने की वजह से अकेलेपन की भावना मन में आ जाती है। हालांकि अगर कोशिश करने के बाद भी आप इस समस्या से नही निकल पा रहे है तो इसके लिए मनोचिकित्सक की सलाह लेना बेहद जरूरी है।

युवाओं में अक्सर अच्छे दोस्त की कमी के कारण अकेलेपन की समस्या देखने को मिलती है। इसके अलावा शारीरिक और मानसिक समस्या इस तरह की भावनाओं को बढ़ाने का काम करते हैं। अकेलेपन की समस्या उस समय समस्या बन जाते हैं जब इससे रोजमर्रा का कार्य बुरी तरीके से प्रभावित होने लगता है।


अकेलापन हो सकता है अवसाद का कारण ( Loneliness can be the cause of depression in Hindi ) –


सोशल आइसोलेशन और अकेलेपन पर किए गए कैसर हजार भी ज्यादा शोध की समीक्षा के आधार पर वैज्ञानिकों ने देखा कि इस समस्या की वजह से हृदय रोग, गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या, समय से पहले मृत्यु भी हो सकती है।

साल 2007 में स्वास्थ्य सर्वेक्षण के परिणाम में पाया गया कि कई बार अकेलेपन की समस्या गंभीर स्थितियां उत्पन्न कर सकती है जैसे गंभीर क्रॉनिक बीमारी, हाई कोलेस्ट्रॉल, इमोशनल डिस्ट्रेस, डायबिटीज, डिप्रेशन।


अकेलेपन से कैसे निजात पाएं ( How to get over loneliness in Hindi ) :-


मनोचिकित्सक डॉ निधि का कहना है कि अगर आपको लग रहा है कि आप अकेलेपन की समस्या से जूझ रहे हैं जिससे आपका जीवन बुरी तरीके से प्रभावित हो रहा है तो जल्द से जल्द किसी अच्छे मनोचिकित्सक से संपर्क करें।

ऐसे में रोग की गंभीरता को देखते हुए कुछ दवाइयां और थेरेपी की जाती हैं। जिससे मरीज ठीक हो जाता है। इसके अलावा यदि आपको कोई बात परेशान कर रही है तो कोशिश करें उस बात को सोचने से बचें या फिर उसे किसी से शेयर कर दें।


अपनी क्षमता को पहचाने और उसे निखारने की कोशिश करें। दोस्त बनाएं और लोगों से बात करें तथा लोगों के बीच रहे। ऐसे अकेलेपन की समस्या को ऐसे दूर किया जा सकता है। इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से भी सलाह ले सकते हैं।

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